भाजपा-२० साल: उत्थान से मानसिक दिवालियेपन तक
साल १९८४: इंदिरा गाँधी के पक्ष में सुहानुभूति लहर, कांग्रेस की सबसे बड़ी विजय और भाजपा, लोकसभा में सिर्फ़ २ सीट। साल १९८९: राम जन्मभूमि में शिलान्यास, राजीव गाँधी की हार, वी.पी. की सरकार और भाजपा, लोकसभा में ८४ सीट। उत्थान की शुरुआत | साल १९९०: राम जन्मभूमि आन्दोलन, आडवानी की रथ यात्रा और भारतीय राजनीति यहाँ से दो खेमो में विभाजित हो जाती है| भाजपा बढ़त लेना शुरू कर देती है। हालाँकि जन्मभूमि आन्दोलन की परणीती १९९२ में बाबरी मस्जिद की विध्वंस के रूप में होती है। पर तब तक भाजपा अपनी जगह ले चुकी होती है और "पार्टी विथ अ डिफ़रेंस" के साथ सामने आती है। देश कांग्रेस के विकल्प के रूप में भाजपा को देखता है| उस समय में "चाल, चरित्र और चिंतन" पार्टी के मुख्य आधार होते हैं, और मेरे जैसे कई नए वोटर पार्टी की इस छवि से प्रभावित होते हैं। सन् १९९६ में जब मैंने पहली बार वोट दिया था, तब से अब तक मैं भाजपा को ही वोट करता आ रहा हूँ। सन् ९६, ९८ और ९९ के चुनावों में तो वाजपेयी जी की लोकप्रियता शिखर पर थी और उसके सहारे पार्टी भी अपने उत्कर्ष पर पहुँच गई। अभी सन् २००३ तक ऐसा लगता था की द...